कात्यायनी – क्लीं श्रीं त्रिनेत्रायै नमः।। उसके बाद जातक को पूर्व-उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए। हिंदू धर्म में शिवलिंग भगवान शिव का सर्वोच्च प्रतीक है और उनकी पूजा का केंद्र बिंदु माना जाता है। विभिन्न प्रकार के शिवलिंग विद्यमान हैं, जिनमें पारद शिवलिंग और स्फटिक शिवलिंग क्यों https://lutherp483pzi7.shopping-wiki.com/user