कितनी ही याद आएगी तेरी, एक दिन भूल जाऊंगा, देखना अब मैं कभी लौटकर नहीं आऊंगा। दिल पर चोट पड़ी है तब तो आह लबों तक आई है मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हें राहत इंदौरी की दर्द भरी शायरियाँ कुछ इस प्रकार हैं – कुछ तो हवा https://youtu.be/Lug0ffByUck