हंस और हंसिनी को भटकते-भटकते रात हो गयी, तो हंस ने हंसिनी से कहा देखो रात भी गई इसलिए हम किसी भी तरह यहाँ आज की रात बिता लेते हैं, फिर सुबह होते ही यहाँ से चले जायेंगे। उनके पीए कैलाश बाबू ने कहा, "जी,इसमें कूलर लगा दिया गया है।" https://lokhitkhabar.com/